आजकल पुरे  दुनिया में पंजाबी गाने का लोकप्रियता काफी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इन्ही पंजाबी सिंगर  में से एक ऐसे सिंगर है जिनका आजकल पुरे हिंदुस्तान  उनके गाने का काफी चर्चा में है। उनका नाम गुरु रंधवा है। गुरु रंधवा का जन्म 30 AUG 1991 को पंजाब के गुरदाशपुर के नूरपुर गाँव में हुआ था। गुरु को बचपन से ही गाने  बहुत शौक था। उनका सपना था की बारे होकर उनको एक प्रसिद्ध सिंगर बनाना है। और आज उनकी लगन और मेहनत की वजह से आज वो पुरे दुनिया में चर्चित है। उनका बचपना गुरदासपुर में ही गुजरा था। जब गुरु रंधवा तीसरी क्लास में थे तब उन्होंने एक सिनिंग कम्पटीटशन में भाग लिया था और वो ऐसा गाना गए सबका दिल को मोह लिया और उनको तीसरी रैंक भी मिला। गुरु रंधवा 12 तक गुरदासपुर से ही पड़े किये ,उसके बाद वो दिल्ली आ गए और वह से ग्रेजुएशन की। गुरु रंधवा को बचपन से सिंगर बनने का ठान  इसीलिए उन्होंने JOB के लिए APPLY नहीं किया। उसके बाद उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में मार्केटिंग और बिजनेस के पढाई के लिए IIBM से MBA की पढाई की। 6 साल के अंदर न केवल भारत बल्कि पुरे दुनिया में अपनी सिंगिंग की पह...

अजीब प्रथाः इस गांव में शादी के बाद कई दिनों तक निर्वस्त्र रहती हैं दुल्हन

 
आपको यकिन नहीं होगा कि भारत में तो शादी के नाम पर अन्य देशों से भी ज्यादा अनोखी तरह की प्रथाएं चल रही हैं जिन्हें जानकर आप भी शायद विश्वास नहीं कर पाएंगे। आज हम आपको देश में शादी के नाम पर चलाई जा रही एक ऐसी ही अनोखी प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
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हम बात कर रहे हैं देश में चल रही एक ऐसी कुप्रथा की जो आज की दुनिया में सभी को शर्मसार कर देगी। दरअसल, इस अजीबो गरीब परम्परा और रिवाज में शादी के बाद दुल्हन को 5 दिन तक निर्वस्त्र रखा जाता है।
 इस परंपरा के बारे में आप आपको बता दें कि यहां शादी के बाद पत्नी को कई दिनों तक बिना कपड़ों का रखा जाता है। यह परंपरा हिमाचल के एक गांव में चलाई जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परंपरा के तहत इन 5 दिनों तक पति-पत्नी एक दूसरे से दूर रहते हैं। यह परंपरा इतनी अजीब है कि पति-पत्नी इन 5 दिनों में एक दूसरे के करीब भी नहीं आ सकते और यहां तक कि वो आपस में हंसी मजाक भी नहीं कर सकते।
देश के हिमाचल में वर्षों से चल रही इस परंपरा के तहत पत्नी को 5 दिन तक निर्वस्त्र रखा जाता है। इतना ही नही दुल्हन को निर्वस्त्र रहने के अलावा सिर्फ ऊन से बने पट्टू ही पहनना होता है। यह मान्यता इसलिए चलाई जा रही है क्योंकि लोग मानते हैं कि ऐसा न करने से देवताओं को श्राप लगता है। लोगों को मानना है कि अगर यह परंपरा न मानी जाये तो उनके गांव में तबाही आ जाएगी। दरअसल, इस परंपरा की असल वजह लोगों का डर है।


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